Wednesday, January 16, 2008

main bhi hoo na

a gaya main alahabadiyon

1 comment:

Sandeep Singh said...

बधाई भाई, बतरस सुख न मिलने का हर गिला सिकवा अब दूर होगा। रिश्तों को जिंदा रखन का चाय बैठकी से बढ़िया मुकाम भला और क्या हो सकता है। बहुत दिन हुए अच्छे फोटो-सोटो देखे कुछ बानगी पेश हो जाए तो कट चाय का मज़ा दोगुना न हो जाए....चाय बैठकी जिंदाबाद भाई।