Wednesday, January 9, 2008

ताकि सनद रहे.....

शुरुआत किसने कि थी.....
चाय पीने वाले मेरे बुद्धिजीवी भाइयों को नमस्कार......बात बिल्कुल सही और सोलह आने सच है कहिये तो मुहर मरने के लिए तीन बार बोल दूँ........नही है......नही है.....नही है......वैसे बात निकली है तो दूर तलक जायेगी..(बात होने कि मजबूरी जो ठहरी ) खैर बात बढे उसस्से पहले एक किस्सा,तो साहब एक साहब कहीं मनेजर की पोस्ट पर interview देने गए(कृपया व्यग्तिगत न लें ये साहब दुसरे हैं)वहाँ उनसे पूछा गया कि वो कंपनी से क्या उम्मीदें रखतें है?उस सुदर्शन युवक ने जवाब दिया कि मुझे पचास हजार रूपए तनख्वाह, केबिन और सेक्रेट्री चाहिऐ...एमडी ने जवाब में कहा कि हम आपको एक लाख रूपए तनख्वाह, दो महीने का बोनस, कार बंगला और एक सेक्रेट्री के साथ देंगेयुवक ने कहा आप मजाक कर रहे हैं॥एमडी ने कहा कि शुरुआत किसने कि थी ???तो मेरे अजीज मित्र पिछले ब्लोग्स कि तरफ नज़र डालें तो आप समझ जायेंगे कि शुरुआत किसने की थी। (मेरी नज़र मी हर वो चीज़ जिसपर आपका बस न चले वो भड़ास है, भले ही वो मंगल ग्रह वाली खबर हो जिसमे आप लाख चाह कर भी उन्हें चलने वाले को कुछ ना कर सकें)खैर मैंने बडे हलके लहजे मे इस मसले को समझने या यूं कहूँ कि समझाने कि कोशिश कि है कृपया ये ना भूलें कि येमेरी असली शैली नही है । (आख़िर हम बुद्धिजीवी जो ठहरे )आपका मित्र।
--Posted By Jayant to Chay Baithkee at 1/06/2008 04:30:00 PM

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