इस संसार में सबसे कठिन है प्यार करना,
अथाह दुःख,
कभी न खत्महोने वाले रेगिस्तान की तरह,
जाती, धर्म, धन और एक पूरी सभ्यता,
प्रेम के विरोध में,
अपना ही साहस कमज़ोर,
अपने विरुद्ध एक हंसी,
लगातार बहता एक खारा दरिया
जो धकेल देता है
एक मरुस्थल में....
Wednesday, March 28, 2012
Tuesday, March 20, 2012
कुछ शब्द कभी-कभी खो जाते हैं
कुछ शब्द कभी-कभी खो जाते हैं,
रिश्तों की तरह,
shayad हमारी आँखों का धुंधलापन hai,
या फिर वोह मिलना ही नहीं चाहते,
गलतियाँ कभी-कभी हमारी होती हैं,
कभी-कभी हम गलतियों के हो जाते हैं,
कुछ भी हो, लेकिन खो गए शब्द और खो गए रिश्ते,
तकलीफ ही देते हैं,
न हम किसी से अपनी बातें कह सकते हैं और
न ही रिश्तों की गोद में सर रखकर सुस्ता सकते हैं,
कुछ शब्द कभी-कभी खो जाते हैं,
रिश्तों की तरह.......
रिश्तों की तरह,
shayad हमारी आँखों का धुंधलापन hai,
या फिर वोह मिलना ही नहीं चाहते,
गलतियाँ कभी-कभी हमारी होती हैं,
कभी-कभी हम गलतियों के हो जाते हैं,
कुछ भी हो, लेकिन खो गए शब्द और खो गए रिश्ते,
तकलीफ ही देते हैं,
न हम किसी से अपनी बातें कह सकते हैं और
न ही रिश्तों की गोद में सर रखकर सुस्ता सकते हैं,
कुछ शब्द कभी-कभी खो जाते हैं,
रिश्तों की तरह.......
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