कस गुरू....अमें बहुत दिन से सोच रहे थे कि आखिर इलाहाबादी बैठक बाज ब्लॉग की मुहिम मा शामिल काहे नहीं भए लेकिन अब लग रहा है कि जल्दी ही ब्लॉग स्पॉट की भंडार क्षमता की मां-बहिन होए वाली है, काहे से कि ई ब्लॉग अइसन जगह से निकला है जहां नानपेड रिपोर्टर इस्टिंगर की भरमार है। कट चाय के साथ सिगरेट तो ई अड्डा पे शेयर होइते है, गोल्डन कस मा भी दुई तीन लोग निपट लेत हैं। हालांकि ई अलग बात कि बैठक खतम होय तक कौनौ न कौनौ की सुगलतै रहत है.....(बुद्धिजीवी तो आप पैदाइसी है इसपीलेन का करी)। तौ भइया चाय बैठकी ।
संदीप सिंह
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