Thursday, September 30, 2010

ना हिन्दू बनेगा न मुसलमान बनेगा


इंसान की औलाद है इंसान बनेगा
अच्छा है अभी तक तेरा कोई नाम नहीं है
तुझ को किसी मजहब से कोई काम नहीं है
जिस इल्म ने इंसान को तकसीम किया है
उस इल्म का तुझ पर कोई इलज़ाम नहीं है
तू बदले हुए वक्त की पहचान बनेगा
इंसान की औलाद है इन्सान बनेगा
तू हिन्दू बनेगा न मुसलमान बनेगा
इंसान की औलाद है इंसान बनेगा

मालिक ने हर इंसान को इंसान बनाया
हम ने उसे हिन्दू या मुसलमान बनाया
कुदरत ने बख्शी थी हमें एक ही धरती
हमने कहीं भारत कहीं इरान बनाया

जो मोड़ दे हर बांध वो तूफ़ान बनेगा
इंसान की औलाद है इंसान बनेगा
तू हिन्दू बनेगा न मुसलमान बनेगा
इंसान की औलाद है इंसान बनेगा

नफरत जो सिखाये वोह धरम तेरा नहीं है
इन्साफ जो रौंदे वोह कदम तेरा नहीं है
तू अमन का और सुलह का अरमान बनेगा
इंसान की औलाद है इंसान बनेगा
तू हिन्दू बनेगा न मुसलमान बनेगा
इंसान की औलाद है इंसान बनेगा

ये दीन के ताजर ये वतन बेचने वाले
इंसानों की लाशों के कफ़न बेचने वाले
ये महल में बैठे हुए कातिल ये लुटेरे
काँटों के मद रूह-ऐ-चमन बेचने वाले
तू इनके लिए मौत का ऐलान बनेगा
इंसान की औलाद है इंसान बनेगा
तू हिन्दू बनेगा न मुसलमान बनेगा
इंसान की औलाद है इंसान बनेगा