Thursday, June 26, 2008
Chay Baithkee: Kahin Is BLOG ki Sham na ho jaye...
हम जैसे लोगों के होते हुए ये ब्लॉग बंद हो जाय ये संभव ही नहीं है भाई. हम अभी जिन्दा हैं.
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इलाहाबाद शहर का अपना अलग अंदाज, अलग मिजाज़ है...इस शहर के बाशिंदो के लिए बैठकी करना टाइम पास नहीं बल्कि उनकी ज़िंदगी का हिस्सा है...इस बैठकी में चाय का साथ हो तो क्या कहने...फिर आइये चायखाने चलते हैं...इन बैठकियों में खालिस बकैती भी होती है और विचारों की नई धाराएं भी बहती हैं...साथ ही समकालीन समाज के सरोकारों और विकारों पर सार्थक बहस भी होती है...आपका भी स्वागत है इस बैठकी में...आइये गरमा-गरम चाय के साथ कुछ बतकही हो जाए...
1 comment:
तिवारी जी आप अकेले नहीं हैं. जिस दिन ये ब्लॉग बंद हो जायेगा समझ लीजिये इलाहाबाद के पत्रकारों की कलम में धार नहीं रह गयी. वो दिन अभी नहीं आया है. हम भी आप के पीछे हैं.
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