लो आया बरसात का मौसम
रूमानी जज़्बात का मौसम।
दिलवालों के साथ का मौसम
अंगड़ाई की रात का मौसम।।
मद्धम मद्धम बूंदा बांदी
प्रेम रंग में भीगी वादी
दो दिल नजदीक आ रहें
ये शीरी फ़रहाद का मौसम।
लो आया बरसात का मौसम।।
दूर हुई सबकी नासाज़ी
शुरु दिलों की सौदेबाज़ी
उसका ले लो अपना दे दो
फिर देखो क्या ख़ास है मौसम।
लो आया बरसात का मौसम।।
तन भीगा है मन भी भीगा
संग संग सारा यौवन भीगा
और अगर मनमीत साथ हो
फिर तो लल्लनटाप है मौसम।
लो आया बरसात का मौसम।।
लो आया बरसात का मौसम।।
Sunday, July 4, 2010
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4 comments:
काफी सुन्दर शब्दों का प्रयोग किया है आपने अपनी कविताओ में सुन्दर अति सुन्दर
बहुत दिनों बाद आपके ब्लॉग पार आना हुआ
अच्छा हुआ गरमी से छुटकारा मिला!!
शुक्रिया सर,देर से ही सही आप आए तो भला...।
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