दुनिया में अगर आए हैं... तो जीना ही पड़ेगा
है जिंदगी अगर गम... तो उसे पीना ही पड़ेगा
इलाहाबाद शहर का अपना अलग अंदाज, अलग मिजाज़ है...इस शहर के बाशिंदो के लिए बैठकी करना टाइम पास नहीं बल्कि उनकी ज़िंदगी का हिस्सा है...इस बैठकी में चाय का साथ हो तो क्या कहने...फिर आइये चायखाने चलते हैं...इन बैठकियों में खालिस बकैती भी होती है और विचारों की नई धाराएं भी बहती हैं...साथ ही समकालीन समाज के सरोकारों और विकारों पर सार्थक बहस भी होती है...आपका भी स्वागत है इस बैठकी में...आइये गरमा-गरम चाय के साथ कुछ बतकही हो जाए...
8 comments:
आह तस्वीर देखकर मन बेचैन हो उठा।
vyaakul kar diya aapne to...par iski jeene ki ichicha ko salaam...
दादा जबरदस्त ,
तस्वीर देखकर मन बेचैन हो उठा।
सचमुच आपने भावुक कर दिया। खुद के गम एक झटके में बौने हो गए। ये जीवन संघर्ष तो इच्छाओं के बोझ तले दबे समाज के लिए मिसाल है।
इस तस्वीर को देखकर दुख नहीं हुआ क्योकि ये तस्वीर हमें कमज़ोर नहीं बल्कि हर तरह कि कठिनाइयों से लड़ना सीखाती है। ईश्वर ने इसका मज़ाक बनाने की कोशिश कि लेकिन इसने भगवान का मज़ाक बना दिया...बहुत खूब
wwwkufraraja.blogspot.com
इस तस्वीर को शब्द की नहीं, नजर की जरुरत है. क्योंकि हर नजर कुछ कहती है...
JHINJHOD DALA
Post a Comment