Wednesday, February 29, 2012

बसंत ----- दो

जब बसंत गदराता है
सरसों के हरे खेतों पर
पीलापन खिल जाता है
सरसों के फूलों की
मीठी सुगंध लगती है मादक
उसमें नहीं होती नाक में
धंस जाने वाली झरार गंध

फिर भी
वासंती सरसों की सुगंध
नहीं बनती परफ्यूम!

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