महगाई ने ऐसा मारा की मिडिल वर्ग मार जाए
हे बनवारी मुरलीधारी मनमोहन लेव बचाय .
गोभी,भिंडी दाल तो अब सपनो मे दिखते हैं
आलू और टमाटर कभी कभी ही मिलते हैं.
शक्कर ने तो मध्यवर्ग का छोड़ दिया है साथ
इतने ऊँचे दम हुए की नही पहुँचता हाथ .
अभी तलाक़ मंदी ने मारा अब मार रही महगाई है
ये कैसा मौसम आया है ये कैसी शामत आई है .
मंदी ने नौकरी चीन ली अब महगाई लेगी जान
कुछ जतन करो हे दीनदयाला संसद के भगवान.
Sunday, August 30, 2009
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2 comments:
मंदी ने नौकरी चीन ली अब महगाई लेगी जान
कुछ जतन करो हे दीनदयाला संसद के भगवान .
Ye bhagwan bhee patthar ke ho gaye hain.
mazedaar hai...aapke DOHE achhe hain aur sachhai ko bayaan karte hain
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