Wednesday, March 18, 2009

हे राम से...जय श्री राम

चुनाव आते ही
चुनावी रंग मैं पटा देश
कहीं राम का नाम
तो कहीं राम से ही परहेज
इन सबकर बीच झूलत
गांधी का देश है
अहिंसा का पाठ पढाने वाले का
यह दूसरा रूप है
गोली खाके भी जिसके मुंह से
हे राम है
उसी की संतान
हाथ काट देने की बात कह
बोलती जय श्री राम है...

1 comment:

ab inconvenienti said...

यह तो नहीं कहा की बिना मतलब हाथ काट देंगे, अगर किसी का हाथ हिन्दुओं पर उठता है तो ज़रूर हाथ काट डाले जाने चाहिए. इसमें गलत क्या है? हां, हम पहल ज़रूर अपनी तरफ से नहीं करेंगे. पर क्या हमें जवाबी कार्यवाही का भी हक नहीं है?