मुंबई लोकल ट्रेन..............
Wednesday, May 6, 2009
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इलाहाबाद शहर का अपना अलग अंदाज, अलग मिजाज़ है...इस शहर के बाशिंदो के लिए बैठकी करना टाइम पास नहीं बल्कि उनकी ज़िंदगी का हिस्सा है...इस बैठकी में चाय का साथ हो तो क्या कहने...फिर आइये चायखाने चलते हैं...इन बैठकियों में खालिस बकैती भी होती है और विचारों की नई धाराएं भी बहती हैं...साथ ही समकालीन समाज के सरोकारों और विकारों पर सार्थक बहस भी होती है...आपका भी स्वागत है इस बैठकी में...आइये गरमा-गरम चाय के साथ कुछ बतकही हो जाए...
6 comments:
कितना कुछ कह जा रहा है यह चित्र.
कमाल का चित्र....वाह...जितनी प्रशंशा की जाये कम है...
नीरज
बिना शब्दों के सब कुछ कहने में सक्षम।
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SBAI TSALIIM
जिन्दगी की तमाम जिम्मेदारियों और दुशवारियों के बीच भी राजेश ने कैमरे से अपनी दोस्ती बरकरार ही नही रखी है बल्कि उसे और भी मजबूत किया है ...उनकेखिंची लाजवाब तस्वीरें तो यही बोलती हैं ...
बहुत बढ़िया तस्वीर है
ye safar un hi chalta rahe...nice pic purkaif
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