अमिताभ बच्चन सदी के महानायक हैं । उन्होंने हवाई जहाज में सैनिकों को खाना खिलाया था । इस पर पचास डालर खर्च किए। ऐसा इसलिए किया कि सैनिकों को जहाज में बिकने वाला खाना महंगा लगा। सदी के महानायक को देख कर लोग रुपये लुटते हैं । गरीब लोग जो पांच डालर (ढाई सौ रुपये) का खाना नहीं खरीद सकते उन्होंने ही दिन भर कि कमाई `लावारिश' के लिए लुटा कर अमिताभ को बनाया है। ख़ुद जहाज सर पर से गुजरते देखते हैं लेकिन उनको जहाज पर उड़ने लायक बनाया। पर अमिताभ को
कम खर्ची सोचना अच्छा नहीं लगता । वो सनिकों के लिए खाना माँगा देते हैं । दरियादिली देखिये २५०० रूपये खट खर्च डाले । खर्च तो कर ही डाले ब्लॉग पर लिख भी दिया ताकि दुनिया दरियादिली से वाकिफ हो जाए।
प्रयाग कुम्भ या माघ मेले में रोज अन्न क्षेत्र चलते हैं । अमिताभ ने बचपन में देखा होगा । कभी इसमें खाया भी होगा । कभी मन तेजी बच्चन के साथ गुरुद्वारा गए होंगे तो गुरु का प्रसाद जीमा होगा । संतों के भंडारे में तो हर आने वाले को प्रसाद के साथ दक्षिणा भी दी जाती है । कहाँ से आता है सब। यह किसी ब्लॉग पर नहीं मिलेगा ।
पर अमिताभ के पास ब्लॉग है । वह लिख सकते हैं । लोग उसे पढ़ते हैं । वह सदी के महानायक हैं । इसलिए वो हर बात लिखते हैं । छोटी-छोटी बातें लिखते हैं ।

प्रयाग कुम्भ या माघ मेले में रोज अन्न क्षेत्र चलते हैं । अमिताभ ने बचपन में देखा होगा । कभी इसमें खाया भी होगा । कभी मन तेजी बच्चन के साथ गुरुद्वारा गए होंगे तो गुरु का प्रसाद जीमा होगा । संतों के भंडारे में तो हर आने वाले को प्रसाद के साथ दक्षिणा भी दी जाती है । कहाँ से आता है सब। यह किसी ब्लॉग पर नहीं मिलेगा ।
पर अमिताभ के पास ब्लॉग है । वह लिख सकते हैं । लोग उसे पढ़ते हैं । वह सदी के महानायक हैं । इसलिए वो हर बात लिखते हैं । छोटी-छोटी बातें लिखते हैं ।