tag:blogger.com,1999:blog-1143156860068759608.post1810268748706253211..comments2023-10-06T18:57:20.900+05:30Comments on चाय बैठकी...: पुरकैफ जी नहीं रहेSwaruphttp://www.blogger.com/profile/09707755333516226269noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-1143156860068759608.post-22398905566186741602010-02-02T13:10:46.839+05:302010-02-02T13:10:46.839+05:30बढ़िया हैबढ़िया हैसंजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1143156860068759608.post-42409096627717216712010-01-07T15:01:51.876+05:302010-01-07T15:01:51.876+05:30बढ़िया है दादा। ऐसे ही पुरकैंफ को जिंदा रखो। रही र...बढ़िया है दादा। ऐसे ही पुरकैंफ को जिंदा रखो। रही रेत पे नाम लिखने की बात तो सच में मेरे पास समंदर की रेत तो है लेकिन जिसके लिये लिखता था वो दोस्त जरूर बिछुड़ गये हैं। हां पत्रिकाओं को चीथड़ा कर ख़ुशी महसूस करने वाला कोलाज़र पुरकैंफ अभी भी जिंदा है और अब उसके कोलाज एक शीशे के फ्रेम में कैद होने लगे हैं और जल्द ही मुंबई की किसी आर्ट गैलरी में आने का कष्ट उठाना पड़ेगा। बाकी पुरकैफ जिंदा था, जिंदा है और जिंदा रहेगा। इसलिये लाला को तेरहवीं की पार्टी मत देना। <br />राजेश पुरकैफ।Rajesh Tripathihttps://www.blogger.com/profile/04475081277951007939noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1143156860068759608.post-67221628213758455802010-01-07T10:02:35.280+05:302010-01-07T10:02:35.280+05:30वाह गुरु! मजा आए गवा... लगत है "कि-पैडे"...वाह गुरु! मजा आए गवा... लगत है "कि-पैडे" तोड़ डाले हो... वैसे ई पार्टिया हुई कब रही... साले मोका नै बुलाइन... ई सारा खेल Q-72 वाले मुलइया का लग रहा है... वोका जौन दिन पाए गए ना, गरम-गरम देब... वैसे जब पुरकैफ जी नहीं रहे तो कम से कम तेरही पार्टी तो होए चाही... शैमपियन तो खुले चाही...RITESH KUMAR SRIVASTAVAhttps://www.blogger.com/profile/03385802750011596938noreply@blogger.com