Sunday, August 14, 2011

हमको भी अरमान है दिल में....

हमको भी अरमान है दिल में
छायें हम दुनिया भर में
नयी ख़ुशी से,नए रंग में
नाम करे हम अपना जग में
हमको भी अरमान है दिल में....
जाने ये दुनिया हमको
अरमान है ये दिल के
छायें हम दुनिया भर में...
एक दिन वो आएगा
लोगों के होठो पैर नाम हमारा भी गुनगुनाएगा
हम भी इस जग के आसमान पर
सितारों की तरह चमकेंगे
अरमान हैं दिल के, छायें हम दुनिया भर में
दौड़ेगी दुनिया अपने पीछे, हमको ये अहसास है
जानेगी दुनिया हमको एक दिन, ये विश्वास है
बनेगें ऐसे दीपक हम, जो न बुझेंगे आँधियों में
अरमान है ये दिल के, छायें हम दुनियां भर में.....

Friday, August 12, 2011

इंतज़ार

एक एहसास सा था, उसके आने का
सुबह उसको देखा था, प्लेटफ़ॉर्म पर खड़े हुए
लगा की वोह चड़ी होगी
ट्रेन में बैठा, बार- बार खिड़की से झांकता
की शायद वोह आ जाये,
पर अचानक एक झटका सा लगा
सिग्नल हो गया था, ट्रेन पटरी पर तैरने लगी
होती शाम के साथ
उसके आने की उम्मीद, भी डूब चुकी थी
ट्रेन की बदती रफ़्तार के साथ
मन में भी कई विचार भाग रहे थे
की पता नहीं, वोह चड़ी भी होगी या नहीं
पर अचानक, एक शोर के साथ ध्यान टूटा
ट्रेन रुकी हुई थी, और लोग कह रहे थे
इलाहाबाद आ गया
वोह कहीं नहीं थी.......

........

इस ज़िन्दगी की दौड़ में दौड़कर करना क्या है,
जब येही जीना है, तो घुट- घुट कर मरना क्या है.......